पावागढ़ में महाकाली मंदिर एक शक्तिपीठ है और हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण स्थल है। इतिहास के पन्नों में पावागढ़ का नाम महान संगीतज्ञ तानसेन के समकालीन संगीतकार बैजू बावरा के संदर्भ में आया है। … पावागढ़ पहाड़ियों की तलहटी में चंपानेर नगरी है, जिसे महाराज वनराज चावड़ा ने अपने बुद्धिमान मंत्री चंपा के नाम पर बसाया था।
आज हम आपको Gujarat के baroda शहर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित pawagadh mandir के बारे में बताएंगे।यह मंदिर गुजरात के बड़ोदरा शहर से 50 किलोमीटर की दूरी पर हालोल के पास स्थित है। इस मंदिर तक जाने के लिए सभी प्रकार के वाहन 24 घंटे उपलब्ध होते हैं।
यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। कहा जाता है कि यहां पर Durga mata के पैर का अंगूठा गिरा था।इसलिए pawagadh mandir shaktipeeth भी है। पावागढ़ की शुरुआत चंपानेर से होती है।इसकी स्थापना vanraj chavda ने की थी।chamapaner के बाद मांची नाम की जगह आती है, जहां से मंदिर तक जाने के लिए इलेक्ट्रिक रोपवे की सुविधा उपलब्ध है तथा जो लोग पैदल जाना चाहते हैं वह लोग 250 सीढ़ी चढ़ने के बाद माता के मंदिर पहुंच जाते हैं।
इस मंदिर में Durga mata के नौ रूपों में से एक काली माता की मूर्ति स्थापित है। एक धारणा के अनुसार यहां पर Guru vishwamitra ने माता काली को प्रसन्न करने के लिए उनकी तपस्या की थी।
यह भी बताया जाता है कि यह मंदिर Ayodhya के भगवान shri Ram जी के समय से स्थित है। प्रतिवर्ष मार्च महीने के शुक्ल पक्ष में यहां पर बड़ा विशाल मेला लगता है, जहां पर वडोदरा, halol, गोधरा, दाहोद तथा अन्य दूर दूर के इलाके से भी लोग आते हैं।
इस मंदिर के आसपास स्थित प्राकृतिक सौंदर्य भी लोगों को यहां आने पर मजबूर कर देता है। अगर आप वायु मार्ग के द्वारा यहां तक आना चाहते हैं तो आप अहमदाबाद एयरपोर्ट से 190 किलोमीटर दूर तथा वडोदरा एयरपोर्ट से 50 किलोमीटर दूर यहां पहुंच सकते हैं।
अगर आप रेल के द्वारा यहां पहुंचने चाहते हैं तो इस मंदिर के आसपास में वडोदरा रेलवे स्टेशन सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। इस रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद आप लोकल वाहनों द्वारा यहां पहुंच सकते हैं। Navratri के महीनों में इस मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है। पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यह टूरिस्ट प्लेस और धार्मिक स्थल दोनों है।
Tags: pawagadh ka kila,pawagadh ki photo,pawagadh ki unchai,champaner ka kila,pawagadh hils Gujarat,shri mahakali temple Gujarat,History of Champaner – Pavagadh,history of mahakali mandir of pawagadh,