प्लांट पैथालॉजी मे करियर कैसे बनाएं|प्लांट पैथोलोजिस्ट बनने के लिए क्या करें?

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Plant pathology Books|Plant pathology in Hindi: जैसे-जैसे आधुनिकता बढ़ रही है वैसे वैसे ही प्रदूषण भी काफी बढ़ रहा है क्योंकि कारखानों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला दुआ हवा के द्वारा वायुमंडल में घूम रहा है, जिससे लोगों को अनेक प्रकार की बीमारियां भी हो रही है और इसी को मद्देनजर रखते हुए सरकार हर साल ट्री प्लांटेशन पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। 

सरकार ग्राम पंचायतों को पेड़ लगाने के लिए हर साल फंड मुहैया करवाती हैं। इसके अलावा शहर में भी Tree Plantations का काम जोर शोर से चल रहा है। 
जैसा कि आप जानते हैं कि पेड़ लगाने से वातावरण शुद्ध होता है क्योंकि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अपने अंदर समाहित कर लेता है और शुद्ध हवा को बाहर छोड़ता है।
अगर आप Biological और Agriculture Fields में इंटरेस्ट रखते हैं तो आपके लिए प्लांट पैथोलॉजी एक अच्छा कैरियर विकल्प साबित हो सकता है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि पेड़ पौधों से हमारा वातावरण शुद्ध रहता है। 
इसके अलावा भी यह अन्य बहुत से काम करते हैं और हमारे जीवन को स्थिरता प्रदान करते हैं। जैसे आदमी और जानवर बीमार पड़ते हैं वैसे ही पेड़ पौधे में भी कई प्रकार की बीमारियां होती हैं और इसीलिए इनको स्वस्थ रखने के लिए pathology Ka Course कराया जाता है। 
Plant पैथोलॉजी का कोर्स क्या है,plant पैथोलॉजी का कोर्स कैसे करें, इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए बने रहिए हमारे साथ।
प्लांट पैथोलॉजी क्या है|Plant pathology Meaning in Hindi
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्लांट पैथोलॉजी को “फिथोपैथोलॉजी” भी कहा जाता है।प्लांट पैथोलॉजी में पेड़ और पौधों की बीमारियों के बारे में पता लगा कर उनकी समस्या का निराकरण निकाला जाता है। 
पेड़ और पौधों में पर्यावरण की स्थिति और संक्रामक जीवो द्वारा बीमारियां फैलती है। जीवो में कई तरह के रोग होते हैं और इन्हीं जीवो के कारण पेड़ और पौधों में भी बीमारियां हो जाती हैं। 
इसीलिए प्लांट पैथोलॉजी के कोर्स में जीवो में होने वाली बीमारियों का भी अध्ययन कराया जाता है ताकि पौधों में होने वाले रोग का निदान ढूंढा जा सके।



प्लांट पैथोलॉजी का महत्व|Importance of plant pathology 
पौधों में माइक्रो प्लाज्मा, विषाणु, जीवाणु और जहरीली गैसों के कारण अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं और इन्हीं रोगों के कारण खाद और रेशेदार फसलें प्रभावित होती हैं।
सामान्य जनजीवन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए यह अति आवश्यक है कि पेड़ पौधों को बीमारियों से संक्रमित होने से बचाया जाए और उनकी देखभाल की जाए और इन्हीं सब चीजों को सिखाने के लिए प्लांट प्रोडक्शन साइंस की शाखा का निर्माण किया गया है। 
इसमें पौधों को स्वस्थ बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय बताए जाते हैं।
प्लांट पैथोलॉजी कोर्स हेतु शैक्षिक योग्यता|Education Qualification for plant pathology Course 
अगर आप प्लांट पैथोलॉजी में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं और प्लांट पैथोलॉजी का कोर्स करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 12वीं क्लास की परीक्षा बायोलॉजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स विषय के साथ कम से कम 50% अंकों के साथ पास करनी होगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस कोर्स में Admission Entrance exam और Merit के आधार पर होता है। इसके अलावा आप चाहे तो इस क्षेत्र में स्नातक के बाद मास्टर और doctrate Degree भी हासिल कर सकते हैं।
अगर आप इस क्षेत्र में वैज्ञानिक बनना चाहते हैं तो इसके लिए आप एंटोंमोलॉजी, नेमेटोलॉजी और वीड साइंस जैसे कोर्स कर सकते हैं।भारत में ऐसे कई संस्थान हैं जो प्लांट पैथोलॉजी में Graduation और Postgraduation का कोर्स करवाते हैं।
प्लांट पैथोलॉजी की जरुरी बाते|Important things about plant pathology
जैसा कि आप जानते ही हैं कि प्लांट पैथोलॉजी एक proffesional Course है जो प्लांट के रोगों को समझने और उनका निदान करने के लिए किया जाता है।
पेड़ और पौधे को हेल्थी बनाए रखने के लिए और ओरगेनिजम  की अच्छी समझ होनी चाहिए क्योंकि इसकी वजह से ही पौधों में बीमारियां होती हैं। 
इसके साथ ही एक प्लांट पैथोलॉजिस्ट को इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि पेड़ और पौधे कैसे बढ़ते हैं तथा इनमें अगर कोई भी बीमारी हो जाए तो उसका समाधान कैसे किया जाए।
प्लांट पैथोलॉजी के अंतर्गत मिलने वाले मुख्य जॉब|Main jobs found under plant pathology
रिसर्चर
प्लांट स्पेशलिस्ट
हेल्थ मैनेजर
टीचर
कंसल्टेंट 
प्लांट पैथोलॉजी में नौकरी हेतु प्रमुख कंपनियां और इंस्टिट्यूट|Major companies and institutes for jobs in plant pathology
बॉयोटेक्नोलॉजी फर्म
बॉयोलॉजिकल कंट्रोल कंपनी
ग्रीकल्चरल रिसर्च सर्विस
एग्रीकल्चरल कंसल्टिंग कंपनी
एग्रोकैमिकल कंपनी 
फॉरेस्ट सर्विस 
एनीमल एंड प्लांट हेल्थ इंसपेक्शन सर्विस
एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन  एजेंसी
स्टेट डिपार्टमेंट्स ऑफ एग्रीकल्चरल एनवायरमेंटल
सीड एंड प्लांट प्रोड्क्शन कंपनी
इंटरनेशनल एग्रीकल्चरल रिसर्च सेंटर्स
बॉटेनिकल गार्डन्स
प्लांट प्रोडक्शन कोर्स सीखने हेतु भारत के विश्वविद्यालय|University of India to learn plant production course 
1.चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, हिसार
2.सीएसके हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पालमपुर
3.इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
4.तमिलनाडु  एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, कोयम्बटूर
5.सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरिस एजुकेशन, मुंबई
6.फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून
7.पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना 
8.नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल
9.गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल एंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर
10.यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस, बेंगलुरु
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