नमस्कार दोस्तों एक बार आपका फिर से स्वागत है। आप सभी कभी अकेले कहीं की यात्रा पर जरूर गए होंगे और ऐसे में अक्सर लोग रास्ते भटक जाते हैं जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है परंतु अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
अब आप GPS का इस्तेमाल करके अपनी मंजिल तक आसानी से पहुंच सकते हैं। जीपीएस का इस्तेमाल करके आप उस जगह भी जा सकते हैं जहां पर आप पहले कभी नहीं गए।आप जीपीएस पर 100% विश्वास कर सकते हैं।
दोस्तों अगर आप GPS के बारे में नहीं जानते हैं तो चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि आखिरकार जीपीएस होता क्या है, GPS का फुल फॉर्म क्या है, जीपीएस काम कैसे करता है और जीपीएस का इतिहास क्या है, चलिए शुरू करते हैं।
# GPS क्या है?
GPS का इस्तेमाल किसी भी जगह की लोकेशन को पता करने के लिए किया जाता है।यह एक प्रकार का Global Navigation System है। आप जीपीएस का इस्तेमाल करके किसी भी जगह की दूरी आसानी से पता कर सकते हैं, साथ ही आप यह भी पता कर सकते हैं कि उस रास्ते पर Traffic कितना है तथा उस रास्ते पर घाट कितने हैं।
इसके अलावा आप उस रास्ते पर Toll Booth है या नहीं। इसके बारे में भी जानकारी पा सकते हैं। जीपीएस की मदद से आप हजारों किलोमीटर का सफर आसानी से कर सकते हैं। यह आपको आपकी मंजिल तक सही तरीके से पहुंचाने में आपकी मदद करता है।
वर्तमान में सबसे ज्यादा किसी भी जगह की लोकेशन पता करने के लिए और किसी भी जगह जाने के लिए जीपीएस का इस्तेमाल किया जाता है।
इसके अलावा जीपीएस का इस्तेमाल किसी की Location Tress करने में भी किया जाता है।अक्सर पुलिस जीपीएस का इस्तेमाल करके अपराधियों को पकड़ती है।
आजकल सभी Smartphone में जीपीएस की सुविधा पहले से ही मौजूद रहती है परंतु बहुत सारे लोग इसका इस्तेमाल करना अभी भी नहीं जानते हैं। जीपीएस को सबसे पहले America के रक्षा विभाग ने साल 1960 में बनाया था और उसके बाद यह पूरी दुनिया में फैल गया।
पूरी दुनिया के लोग जीपीएस का सबसे ज्यादा इस्तेमाल रास्ते ढूंढने के लिए करते हैं।जीपीएस का इस्तेमाल Train, Aircraft,Bus जैसी transportation Service में बहुत अधिक किया जाता है।
# GPS का Fullform
जीपीएस का अंग्रेजी में फुल फॉर्म होता है Global Positioning System और हिंदी में इसे वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली कहते हैं। इसके अलावा इसे Navstar भी कहा जाता है।
# GPS कैसे काम करता है?
जीपीएस सिस्टम तीन चीजों पर काम करता है GPS Reciever,satalite, Internet Connection।जब आप जीपीएस का इस्तेमाल करने के लिए अपने स्मार्टफोन में GPS on करते हैं तो सबसे पहले GPS Reciever Satalite से Data रिसीव करता है।
आपका फोन जो Data Recieve करता है उसमें सेटेलाइट में अभी क्या टाइम है और सेटेलाइट की लोकेशन शामिल होती है।
इससे आपके फोन को पता चलता है कि उस Satalite की Location क्या है।
इसके बाद टाइम में दो चीज़ होती है एक तो Send Time और दूसरा Recieve Time। इन दोनों से आपके फोन का जीपीएस रिसीवर यह पता लगाता है कि आपका स्मार्टफोन सेटेलाइट से कितनी दूरी पर है और यह दूरी सटीक है या नहीं।
अगर इस एक Satalite से आपके फोन की सही लोकेशन नहीं पता चलती है तो फिर आपके फोन का जीपीएस किसी दूसरे सेटेलाइट से डाटा रिसीव करता है। इस तरह 3 प्रक्रिया के बाद आप की सही Location का पता लग जाता है जिसे आपके स्मार्टफोन की स्क्रीन पर आप देख भी सकते है।
# GPS का उपयोग कहाँ कहाँ होता है?
आप यह तो जान ही गए होंगे कि जीपीएस क्या होता है तथा जीपीएस का फुल फॉर्म क्या है, साथ ही जीपीएस कैसे काम करता है, चलिए अब आपको यह बताते हैं कि आखिर जीपीएस का इस्तेमाल कहां कहां होता है, आइए शुरू करते हैं।
– Transport
आजकल Transport Sector में जीपीएस का इस्तेमाल बहुत होने लगा है। जहां पहले लोग रास्ता भटक जाते थे वहीं अब लोग जीपीएस का इस्तेमाल करके अपनी मंजिल तक आसानी से पहुंच जा रहे हैं। इसके अलावा प्राइवेट टैक्सीया जैसे Ola, Uber में भी जीपीएस लगा होता है जिससे अब रास्ते में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आती है।
GPS का सबसे ज्यादा फायदा लड़कियों को भी मिल रहा है क्योंकि अब लड़कियां जीपीएस का इस्तेमाल करके अपनी लोकेशन अपने परिवार वालों को भेज सकती है और अगर कोई अनहोनी हो जाती है तो उनके परिवार वालों को उनकी लोकेशन आसानी से पता लग जाती है।
– Military
आजकल सभी देश की Army GPS का इस्तेमाल करके अपने दुश्मन की लोकेशन और उनके बंकर का पता लगाने लगी है। जीपीएस का इस्तेमाल करने से आर्मी को बहुत फायदा मिल रहा है।
– Disaster Relief
प्राकृतिक आपदा के समय भी Disaster Management द्वारा जीपीएस का इस्तेमाल किया जाता है।इसके जरिए वे मुसीबत में फंसे हुए लोगों को ढूंढते हैं और उन्हें Rescue करते हैं।
– Shipping
जीपीएस का इस्तेमाल करके अब हमारे घर पर कोरियर वाले आसानी से और तेज Delivery दे रहे हैं। जहां पहले उन्हें रास्ता नहीं पता होगा होता था वहीं अब वे लोग सीधा हमारे घर पर डिलीवरी दे रहे हैं। यह सब GPS के कारण ही संभव हो पाया है, क्योंकि वह लोग Online हमारी लोकेशन देख लेते हैं।
# GPS की History
GPS एक सेटेलाइट पर आधारित रेडियो नेवीगेशन सिस्टम है। इसे अमेरिका की मिलिट्री के लिए साल 1973 में लांच किया गया था। उस समय तक America इसका इस्तेमाल अपने दुश्मन देश के जहाजों को मारने के लिए और उनके सैन्य ठिकानों को तबाह करने के लिए ही करता था।
परंतु साल 1983 में एक Korean Airlines फ्लाइट गलती से सोवियत संघ के प्रतिबंधित जगह में चली गई जिसके बाद संघ ने उस प्लेन को मार गिराया। उस प्लेन में सवार सभी 239 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
इस दुखद घटना के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति Ronald Reegan ने निर्णय लिया कि वह जीपीएस को पूरी दुनिया की आम जनता के लिए उपलब्ध करवाएंगे।इसके बाद American Government ने 10 साल में तकरीबन 24 सैटेलाइट लॉन्च किए जिसके बाद 1995 को जीपीएस पहली बार आम जनता के लिए उपलब्ध हुआ।
# किन किन देशो के पास है खुद का GPS सिस्टम?
रूस, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, भारत, चाइना के पास अपना खुद का जीपीएस नेविगेशन सिस्टम है। भारत के जीपीएस नेवीगेशन सिस्टम का नाम Navik है।
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