भारत में वो 5 ऐसे प्रसिद्ध मंदिर, जहाँ पुरुषों का प्रवेश वर्जित है और ये आदमी अंदर नहीं जा सकते हैं

Ujjain: महिलाओं का मंदिर तथा धार्मिक स्‍थानो में प्रवेश निषेध की बात तो आपने अक्‍सर ही सुनी है। कई ऐसे स्‍थान है जहॉं हमने देखा कि महिलाओ को अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं प्रदान की जाती है। लेकिन काफी समय से इस तरह की मान्‍यता पर कई विरोध प्रदर्शन हो रहे है।

जिसके चलते हाईकोर्ट भी आगे आकर महिलाओ के हक में कई डिसीजन देकर उनको उनका सही हक प्रदान करने में मदद कर चुके है। ऐसी बहुत सी जगह है जहॉं महिलाओ को प्रवेश की अनुमति नहीं प्रदान की जाती है जैसे शनि शिंगणापुर, सबरीमाला मंदिर तथा हाजी अली इत्‍यादि। इन जगहो की चर्चा आपने न्‍यूज में भी जरूर सुनी होगी।

इन सब खबरो के बीच आज हम आपके लिये एक ऐसी खबर लाये है जो इससे ही संबंधित है लेकिन इसके बिल्‍कुल अपॉजिट है। आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि सिर्फ महिलाएं ही नहीं ऐसे बहुत से हमारे देश में धार्मिक स्‍थान है, जहॉं पुरूषो को भी जाने की अनुमति प्रदान नहीं कि जाती है़।
हम यह कहे कि इस जगह में पुरूषो की एंट्री पूरी तरह से बैन है, तो गलत नहीं होगा। जिन मंदिरो की हम बात करेंगे यह ऐसे धार्मिक स्‍थल है जहॉं केवल कुछ विशेष समय में ही पुरूष को जाने की अनुमति प्रदान की जाती है। आइये इन पवित्र स्‍थानो के बारे में जानते है।

चक्‍कुलाथुकावु मंदिर (Chakkulathukavu Devi Mandir)

यह मंदिर केरल राज्‍य में स्थित माता दुर्गा का प्रसिद्ध ओर प्राचीन मंदिर (Ancient Temple) है। चक्‍कुलाथुकावु मंदिर में हर वर्ष पोंगल के समय में नारी को पूजा जाता है अर्थात पोंगल के दिन इस मंदिर मे नारी की पूजा होती है। जब नारी की पूजा की जाती है तो इस जगह में पुरूषों को आने की अनुमति नही दी जाती है।

नारी पूजा पूरे 10 दिन तक इस मंदिर में की जाती है। जब पूजा का दसवा दिन यानि की आखिरी दिन होता है। तो केवल उस दिन ही पुरूष मंदिर में प्रवेश करते है और सभी पुजारी महिलाओ के पैर धोकर आशीर्वाद प्राप्‍त करते है।

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अट्टुकुल भगवती मंदिर (Attukal Bhagavathy Temple)

यह मंदिर भी केरल (Kerala) राज्‍य का ही पवित्र और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जिसका नाम गिनीज बुक में तक दर्ज है। इस मंदिर को गिनीज बुक में इसलिए दर्ज किया गया, क्‍योंकि इस मंदिर में एक साथ पोंगल में 30 लाख महिला उत्‍सव मनाने आई थी। पोंगल इस मंदिर में काफी आस्‍था के साथ मनाय जाता है।

इस मंदिर में विशेष भद्रकाली माता को पूजा जाता है। पोंगल के समय पूरे 10 दिन तक इस मंदिर में देवी निवास करती है ऐसी इस मंदिर से संबंधित धार्मिक मान्‍यता है। यही कारण है कि इस समय में पुरूषो को इस मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है।

संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Temple)

कहा जाता है संतोषी माता का उपवास सिर्फ और सिर्फ महिलाएं तथा कुंवारी लड़की रखती है। हालांकि ऐसा नही है कि पुरूष संतोषी माता का पूजन नहीं कर सकते है। वह भी उनका पूजन कर सकते है। राजस्‍थान में संतोषी माता मंदिर काफी प्रसिद्ध है।

इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में शुक्रवार के दिन पुरूषो का प्रवेश निषेध होता है। संतोषी माता का उपवास जब भी महिलाएं रखती है, तो उनको किसी भी प्रकार की खट्टी चीज को खाने नहीं दिया जाता है। इसे खाना पूरी तरह वर्जित माना जाता है।

कामाख्‍या मंदिर (Kamakhya Temple)

इस मंदिर के बारे में पेपर में न्‍यूज में अक्‍सर ही आप पढ़ते तथा देखते होगे। यह मंदिर असम राज्‍य की राजधानी गुवाहाटी (Guwahati) में स्थित है। यह मंदिर पर्वत नीलांचल में बना है। माता के जितने भी शक्‍तिपीठ है, उसमें कामाख्‍या का नाम सबसे उपर आता है।

जब भी माता की महावरी का समय आता है, इस मंदिर में भव्‍य उत्‍सव मनाया जाता है। जब यह समय आता है, तब इस मंदिर मे पूरी तरह पुरूषो का प्रवेश निषेध कर दिया जाता है। यहॉं तक की इस मंदिर मे पुजारी भी एक पुरूष ना होकर एक महिला होती हे।

बम्‍हदेव मंदिर (Brahma Temple)

राजस्‍थान (Rajasthan) के पुष्‍कर में बम्‍हा जी का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। यह एक बहुत ही प्रसिद्ध ओर अनोखा मंदिर है। अनोखा इसलिए क्‍योंकि यह सिर्फ एक ही भारत में स्थित ऐसा मंदिर है, जोकि बम्‍हदेव को समर्पित है।

कहा जाता है कि यह मंदिर 14 वी शताब्‍दी में बना था। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर पर देवी सरस्‍वती का श्राप है। इसलिए इस जगह में शादीशुदा पुरूष नही आ सकते है। इस मंदिर में वह पुरूष जोकि शादीशुदा है, उनका प्रवेश निषेध माना जाता है।

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